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साहिब ए हैसियत हर मुसलमान पर अपने माल की जकात देना फर्ज है: मुफ्ती मुहम्मद नासिर कासमी इमाम जामा मजिस्द

रमज़ान मुबारक के दूसरे जुमे में सैंकड़ों नमाजियों ने अकीदत से अदा की नमाज़

जेवर। (जेवर न्यूज़) बरकतों एवं रहमतों के मुकददस पाक महीने रमज़ानुल मुबारक के दूसरे जुमे की नमाज़ अकीदत के साथ अदा की गई तथा नमाज़ के बाद नमाजियों ने देश की तरक्की एवं खुशहाली की दुआ की। मुकददस माह रमज़ान के दूसरे जुमे की नमाज अदा करने के लिए रोजेदारों ने प्रातः सुबह से ही चहल कदमी शुरू कर दी और जुमे की अज़ान से पहले ही नगर की सभी मस्जिदें खचाखच भर गयीं।
रमज़ान के मुकददस मुबारक माह के दूसरे जुमे की नमाज़ से पूर्व मस्जिदों के आइम्मा हज़रात उलेमाओं ने नमाजियों से रोजा नमाज़ की पाबन्दी करने नेक राह पर चलने गरीबों की मदद करने गलत कार्य से बचने को कहा। इस दौरान नगर की बड़ी जामा मस्जिद के पेश इमाम खतीब मुफ्ती मुहम्मद नासिर ने कहा कि साहिब ए हैसियत मुसलमान पर जकात देना फर्ज है वह अपने माल का सही तरह से हिसाब लगाकर ईद-उल-फितर से पहले ही जकात व फितरा अदा कर दें। उन्होंने कहा कि जकात के देने से माल में कमी नहीं आती वल्कि वह हर आफात से निजात का जरिया बनता है। अगर साहिब ए हैसियत मुसलमान अपने माल से जकात निकालकर गरीब मुसलमानों तक पहुॅंचायंे तो इस देश का एक भी मुसलमान गरीब नहीं रह सकता मगर साहिब-ए-हैसियत मुसलमान अपने पैसे से जकात निकालने में कंजूसी करते हैं जकात नहीं निकालते पैसे के घटने का वहम कर गरीबों का हक नहीं देते जिसकारण उनका माल उनका पैसा गलत हाथों में गलत जगह चला जाता है जो उनकी दुनियावी व आखिरत की जिन्दगी का बवाल बन रहा है जकात निकाल कर गरीबों का हक उन तक पहुॅंचायें। इमाम ए खतीब मुफ्ती मुहम्मद नासिर साहब ने कहा कि कुरआन हदीस में साहिब ए हैसियत मुसलमानों को अपने माल पैसे से जकात देंने की ताकीद जोर देकर की गई है कि वह अपने माल से जकात निकालकर गरीबों को दें उन्होंने पुनः ईद उल फितर की नमाज़ से पहले ही जकात एवं फितरा गरीबों को देदें जिससे कि उनका भी त्योहार अच्छी तरह से हो जाये।

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