मुहर्रम पर सोगवारों ने मातम कर निकाला आशूरा का जुलूस
जेवर। मुहर्रम माह की ग्यारहवी तारीख को नगर में यौम-ए-आशूरा के दिन नगर में या हुसैन….या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। हक और इंसानियत को बचाने के लिए अपने परिवार के 72 साथियों के साथ अपनी जानों की शहादत देने वाले पैगम्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब हज़रत इमाम हुसैन रजि0अ0 व उनके परिवार के 72 साथियों की शहादत की याद में कर्बला का गम मनाने के लिए ताजियों के साथ मातमी जुलूस निकाला साथ ही अलम व जुल्जनाह बरामद कर सोगवारों द्वारा जंजीरजनी से खूनी मातम किया। अन्त में ताजियों को बाबा शकर बरस की दरगाह स्थित कर्बला में दफना दिया। इस दौरान शान्ति व सुरक्षा के लिए भारी पुलिस फोर्स भी तैनात रहा।
गुरूवार को नगर क्षेत्र में मुस्लिम अकीदतमंदों ने अपने-अपने तरीकों से नवासा-ए-रसूल हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों को खिराज ए अकीदत पेश करने हेतु सुन्नी हजरात ने जहां रोजा रखा तो वहीं शिया हज़रात ने भूख़ा रहकर फाका किया। यौम-ए-आशूरा के दिन या हुसैन…..या हुसैन सदाओं के साथ मौहल्ला कम्बुहान स्थित सैयद नजाकत अली जैदी व डा0 सैयद मुशर्रत रिज़वी के मकान सादात हाऊस से जुलूसे आशूरा निकलना प्रारम्भ हुआ मातमी अंजुमन ताजिया व अलम के साथ मातम करते हुए साथ हो लीं और नोहाख्वाानी करते हुए कर्बला के मैदान में हज़रत इमाम हुसैन और उनके परिवार के 72 साथियों की हुई दर्दनांक शहादत को बयान किया इस दौरान सीना एवं जंजीरजनी करते हुए सैकड़ों की संख्या में अजादारों छुरियों का मातम कर हज़रत इमाम हुसैन को पुरसा दिया। और अपने तय रास्ते मौहल्ला कम्बुहान से मेंन बाजार पुरानी सब्जी मण्डी आजाद चौक मोर बिल्डिंग पुराना डाकखाना मौहल्ला खतीबान पुरानी पानी की टंकी मातावाला से होते हुए बाबा शकर बरस औलिया की दरगाह पर पहुॅंचकर जुलूसे आशूरा सम्पन्न हुआ।