जेवर का अजूबा: नल तो हैं पर पानी नहीं देते
जेवर। इसे नगर पंचायत के प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही कहें या फिर जनता के प्रति उदासीनता ऐसा महसूस होता है कि यहां पेयजल के लिए तरसते लोगों के लिए सरकारी योजनाएं मात्र खानापूर्ति बनकर रह गई हैं। सम्बन्धित नगर निकाय कार्यालय स्थित कागजों में चल रही दुरूस्तीकरण की कार्रवाई के कारण सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ जनता को शायद कुछ कम ही मिल पा रहा है। लोगों की मानें तो नगर की जनता को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नगर पंचायत की सीमा में जल निगम नलकूप विभाग द्वारा नगर क्षेत्र में नगर पंचायत के माध्यम से हैण्डपम्प लगाकर राहगीरों सहित आमजन मानस को पेयजल के पानी की व्यवस्था कराई जाती है। नगर क्षेत्र में राहगीरों एवं आम जनमानस को पेयजल की आपूर्ति हेतु जल निगम की योजना के तहत तकरीबन तीन सौं से सवा तीन सौ के करीब हैण्डपम्प लगे बताये जाते हैं जिनको सुचारू ढ़ग से संचालित किए जाने का जिम्मा स्थानीय नगर निकाय को है।
सूत्रों की मानें तो नगर क्षेत्र के लोगों की पेयजल आपूर्ति की समस्या को चुस्त दुरूस्त रखने हेतु जलनिगम के नलकूप विभाग के माध्यम से नगर पंचायत द्वारा नगर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर तकरीबन सवा तीन सौ के करीब हैण्डपम्प (नल) लगे हुए हैं। जिनमें से आधा दर्जन के करीब नल काफी समय से खराब पड़े हुए हैं। जिनमें से 70 से 80 फीसदी हैण्डपम्प (नल) ही लोगों को पेयजल उपलब्ध करा रहे हैं। बाकी 20 से 30 फीसदी नल या तो खराब होकर पूरी तरह से ठप हो गए हैं या फिर उनकी मशीन को ही खुर्द-बुर्द कर दिया गया है। बताया जाता है कि नगर के लोगों की पेयजल की इस जटिल समस्या की ओर न तो किसी समाजसेवी संस्था का ही कोई ध्यान है और न ही किसी सामाजिक संगठन द्वारा ही गरीब जनता की पेयजल की इस गम्भीर समस्या को हल करवाने के लिए ही अपने एजेण्डे में शामिल किया गया है और न ही किसी आन्दोलन में पेयजल की इस समस्या को गम्भीरता से आज तक उठाया गया है और न हीं सम्बन्धित विभाग द्वारा उक्त समस्या की कोई सुध ली जा रही है। सूत्र बताते हैं कि नगर पंचायत की सीमा के अन्दर जल निगम नलकूप विभाग द्वारा कस्बा क्षेत्र में लगाए गए नल हैण्डपम्पों के रखरखाव एवं पेयजल आपूर्ति की जिम्मेदारी नगर पंचायत की होती है। लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि नगर क्षेत्र में अधिकांश नल (हैण्डपम्प) पूरी तरह से खराब पड़े हुए हैं जिनमें कुछ हैण्डपम्पों की मशीनें खुर्द-बुर्द कर दी गई हैं और कुछ नलों को बेकार समझकर छोड़ दिया गया है। ऐसे नलकूप मरम्मत के अभाव में नगर पंचायत का मूॅह चिड़ाते नज़र आ रहे हैं। खुर्जा रोड़ पैट्रोल पम्प के निकट खुर्जा बस स्टैण्ड पर खराब हालत में खड़ा नल अपनी मरम्मत का इंतजार कर रहा है यहां बस स्टैण्ड पर तैनात बस संचालक ठा0 मदन सिंह व परिचालक सलीम तथा बस स्वामी ताहिर राव का कहना है गर्मी का पारा दिनों दिन बढ़ रहा है यहां खराब खड़े नल को ठीक कराने हेतु नगर पंचायत कर्मियों से कई बार शिकायत की जा चुकी है यात्री लोग पीने के पानी के लिए परेशान घूमते हैं मगर लापरवाही का आलम यह है कि नगर पंचायत के अधिकारी व कर्मचारी यहां आना भी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर खुर्जा रोड़ पर बैंक ऑफ इण्डिया के सामने इमरान टायर वालों के समीप लगा हैण्डपम्प चलते चलते पानी छोड़ जाता है उस समय पानी पीने के लिए खड़े लोगों को काफी समस्या होती है वहीं इससे आगे शराब के ठेके के सामने लगा हैण्डपम्प भी कई दिन से खराब हो गया था कई शिकायतों के बाद नगर पंचायत द्वारा ठीक कराया गया है। कानीगढ़ी रोड़ सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निकट लगा नल भी खराब पड़ा है यहां की हालत भी ऐसी ही है लोगों द्वारा की गई शिकायत के बाद भी ठीक नहीं कराया गया है। इस सम्बन्ध में नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सतीश कुमार का कहना है कि नगर क्षेत्र में लगे हैण्डपम्पों का कार्य चेयरमेंन देखते हैं रिबोरिंग का कार्य चल रहा है खराब पड़े नल जल्दी ही ठीक हो जायेंगे।