आखिर क्यौं नहीं हो रही! कब्रिस्तान गाटा संख्या 4113 को निजी बताकर हडपने की कोशिस करने वाला आरोपी रहीस ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाही
अनेकों शिकायतों के बाद भी प्रशासन मौन खुलेआम बेखौफ घूम रहे आरोपी
टप्पल। अलीगढ़ जनपद अंतर्गत कस्बा टप्पल थाना स्थित कब्रिस्तान गाटा संख्या 4113 को अपना निजी कब्रिस्तान बताने वाले रहीस खां ठेकेदार व उसके कुछ सहयोगियों द्वारा कब्रिस्तान में निजी तरीके से दीवार लगवाने पर रोक लगवाने तथा कस्बा टप्पल के समस्त मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा बाउंड्री बाल का निर्माण कराने का आदेश दिए जाने और आरोपियों द्वारा कब्रिस्तान के नाम से लोगों से अवैध धनराशि की उगाही करने की जांच कराने के सम्बन्ध में दीं शिकायतांे के प्रति कठोर कार्रवाई करने के संबंध में एक शिकायती पत्र समस्त कब्रिस्तान सुरक्षा संगठन के संयोजक दिलशाद अली खान, सचिव ठाकुर आजाद खान ने थाना समाधान दिवस टप्पल में शनिवार 14 सितंबर को नायब तहसीलदार टप्पल लीलू सिंह व प्रभारी निरीक्षक थाना टप्पल शिशुपाल शर्मा को दिया।
समस्त कब्रिस्तान सुरक्षा संगठन के संयोजक दिलशाद अली खान ने जानकारी देते हुए बताया कि कस्बा टप्पल में अलीगढ़ पलवल वाया जेवर नेशनल हाईवे रोड के सहारे आबादी में उत्तर दिशा की ओर कब्रिस्तान गाटा संख्या 4113 रकबई 1.187 हेक्टेयर और इसी कब्रिस्तान के सहारे कब्रिस्तान गाटा संख्या 4112 व 4128 आदि तीनों कब्रिस्तान एक ही स्थान पर स्थित हैं। जिनपर टप्पल के भू-माफिया रहीस खान ठेकेदार, हाजी हफीजा, शमशाद खान, मास्टर शाहिद, नवाबुद्दीन उर्फ नवाब, यूनुस खान, आसमोहम्मद, हबीब खान, फारूख खान आदि लोग कब्रिस्तान 4113 पर अपना व्यक्तिगत दावा ठोकते हुए किसी भी मुस्लिम समाज के जनाजे को दफनाने नहीं देते हैं और उक्त कब्रिस्तान 4113 को हड़पने की नीयत से उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ से भी कमेटी बनवा ली है और कब्रिस्तान की पीछे की दीवार को गुपचुप ढंग से विगत कुछ दिनों पूर्व लगवाई है तथा कुछ लोगों से कब्रिस्तान के नाम से अवैध धनराशि भी लेकर डकार गए हैं। उन्होंने बताया कि कब्रिस्तान को निजी रहीस खान ठेकेदार आदि द्वारा बनाने से समस्त मुस्लिम समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। और आरोपी उपरोक्त लोगों की गंभीरता से जांच कराते हुए कठोर कार्रवाई कराई जाये। नायब तहसीलदार टप्पल लीलू सिंह ने कस्बा टप्पल के लोगों द्वारा दी गई कब्रिस्तान की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए शिकायतकर्ताओं को आश्वासन दिया कि अगर कोई व्यक्ति कब्रिस्तान या मरघट को अपना व्यक्तिगत बनाता है तो यह नियम विरुद्ध है बल्कि यह भूमि आरक्षित भूमि होती है, और कब्रिस्तान में किसी भी जनाजे (शव) को दफनाने से कोई भी व्यक्ति रोक नहीं सकता है तथा अन्य आरोपांे की बारीकी से जांच कराई जाएगी।