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कुल शरीफ के बाद सम्पन्न हुआ 14 फरवरी से सुल्तान उल औलिया हज़रत बाबा शकर बरस रहमतुल्लाही अलैय की दरगाह पर चल रहा 566वॉं उर्स

जेवर। सुल्तान उल औलिया हज़रत बाबा शकर बरस रहमतुल्लाही अलैय की दरगाह शरीफ बड़ी सरकार के आस्ताने पर 14 फरवरी 2025 से शुरू हुआ पांच दिवसयी गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल मेला उर्स शरीफ 19 फरवरी बुद्धवार को कुरआन ख्वानी एवं कुल शरीफ के बाद सम्पन्न हो गया। जिसकी शुरूआत उर्स मेला कमेटी के सदर द्वारा बाबा की मजार पर चादर एवं गुलपोशी करने तथा झण्डा नवस किए जाने के पश्चात मीलाद शरीफ से की गयी।
मेला उर्स कमेटी के सदर (अध्यक्ष) शकील फारूकी महासचिव अब्दुल हमीद ठेकेदार व उपाध्यक्ष वकील सलमानी व बाबू खॉं अल्वी ने जानकारी देते हुए बताया कि सुल्तान उल औलिया हज़रत बाबा शकर बरस सब्जबारी रहमतुल्लाही अलैय बड़ी सरकार की दरगाह शरीफ पर हर वर्ष लगने वाला गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल प्राचीन एवं ऐतिहासिक 566वॉं मेला उर्स शरीफ इस बार 14 फरवरी से शुरू हुआ जो 19 फरवरी की अलफज़र गुस्ल के पश्चात कुरआन ख्वानी एवं कुल शरीफ के बाद सम्पन्न हुआ। इस दौरान मेला उर्स शरीफ में बड़ा चरख झूला के अलावा छोटे बच्चों के मनोरन्जन के लिए विभिन्न तरह के खेल तमासों के साथ साथ हर वर्षों की भांति कई कव्वाल पार्टियों ने अपने कलाम पेश कर आगन्तुकों का मन मोह लिया। तदपश्चात पहले दिन हिन्दुस्तान के जाने-माने कव्वाल बुलबले हिन्द हबीब पेण्टर अलीगढ़ के पुत्र गुलाम हबीब पेण्टर कव्वाल द्वारा देशभक्ति पर सूफियाना कार्यक्रम पेश कर श्रोताओं भावभिवोर कर दिया वहीं अगले दिन शमीम अनवर अलीगढ़ी ने भी सूफियाने अंदाज में अपने कलाम प्रस्तुत कर लोगों का मन मोहा तीसरे दिन कार्यक्रम में आये असद कांवली सुल्तानपुरी एवं बेबी वारसी जारा वारसी बनारस के बीच तमाम रात जोरदार कव्वाली मुकाबला चला जिसका वहां मौजूद श्रोताओं ने खूब लुत्फ उठाया। चौथे दिन साकिब अली साबरी फैजाबाद व अगले दिन सनम वारसी ने शानदार कलाम पेश कर श्रोताओं की खूब वाह-वाही लूटी। महासचिव अब्दुल हमीद ठेकेदार ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि सुल्तान उल औलिया हज़रत बाबा शकर बरस रहमतुल्लाही अलैय की दरगाह शरीफ के सबसे पहले प्रवेश द्वारा तक हर साल इस्लामी कैलेणडर के शाबान माह की 14 तारीख़ को शबे बरात के दिन से रोशनी का विशेष प्रबन्ध किया जाता है बाबा का उर्स शब ए बरात के दिन मीलाद से शुरू होता है अगले दिन मौहल्ला रावलपटटी स्थित चौधरियों की चौपाल से बाबा शकर बरस औलिया की चादर डीजे व बैण्डबाजों के साथ निकाली जाती है जो मेंन बाजार से होते हुए पुराने डाकखने से होकर बाबा की मजार पर पहुॅंती है इस बार भी बाबा शकर बरस की चादर सूफी अब्दुल गफ्फार खॉं समदी के खादिम सूफी मौहम्मद शब्बीर गफ्फारी के नेतृत्व में श्री पंजाब बैण्ड व आशा बैण्ड के साथ निकाली गई इस मौके पर उर्स कमेटी के सदर शकील फारूकी उपाध्यक्ष वकील सलमानी वसीम कुरैशी महासचिव अब्दुल हमीद ठेकेदार कोषाध्यक्ष डा0 सलीम सलमानी शकील अहमद सचिव सगीर सलमानी सन्नी कुरैशी उपसचिव सददाम इदरीश ीमंच संचालक जाहिद मलिक ठेकेदार उर्स कमेटी के सभी सदस्य मौजूद रहे।

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