सोलह साल बीत जाने के बाद भी प्राधिकरण नहीं दे रहा जेवर के किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा किसानों में पनप रहा भारी आक्रोश
गुस्साए किसानों ने इण्टरचेन्ज बनाने के नाम पर अधिग्रहित की जमीन पर घोराबंदी करने आयी ठेकेदार की लेबर को काम करने से रोका
जेवर। साल 2008-09 में यमुना प्राधिकरण द्वारा जेवर के किसानों की जमीन को यमुना एक्सप्रेसवे व जेवर में इण्टरचेन्ज बनाये जाने के नाम पर औने-पौने बहुत ही सस्ते दामों पर अधिग्रहण किया गया था। तकरीबन सोलह साल बीत गए मगर आज तक यमुना प्राधिकरण ने जेवर के किसानों को न तो 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा ही दिया गया है और न ही 7 प्रतिशत आवासीय विकसित भू-खण्ड ही दिया गया, बताया जाता है कि यमुना प्राधिकरण ने जल्दी ही जेवर इण्टरचेंज के नाम पर अधिग्रहित की गई भूमि को किसी बिल्डर को मोटे दामों में बेच दिया है जिससे जेवर के किसानों में भारी गुस्सा पनपने लगा है किसानों का कहना है कि पहले वह किसानों को उनका 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा व 7 प्रतिशत आवासीय विकसित भू-खण्ड दे तब ही अधिग्रहित की गई जमीन पर कब्जा दिया जायेगा।
बताते चलें कि वर्ष 2008-09 में उस समय के ताज एक्सप्रेसवे आज के यमुना एक्सप्रेसवे के निर्माण हेतु ताज विकास प्राधिकरण आज के यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा ग्रेटर नोएडा से आगरा तक बहुत ही सस्ते दामों पर किसानों की जमीन का यह वादा कर अधिग्रहण किया गया था और बाकायदा एग्रीमेंट कर किसानों को भरोसा दिया गया था कि सरकार किसानों को जमीन अधिग्रहण करने के तदपश्चात ही उन्हें 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा व 7 प्रतिशत विकसित आवासीय भू-खण्ड देगी। साथ ही सरकार यानी प्राधिकरण द्वारा किसानों से यह भी लिखित वादा किया गया कि यदि किसानों से ली गई जमीन पर प्राधिकरण द्वारा पांच साल के अन्दर-अन्दर जनहित में कोई डबलपमेंट कंसट्रैक्शन नहीं किया जाता है तो आटोमेटिकलित ही उक्त जमीन का मालिक किसान होगा। जमीन अधिग्रहित किए अब तो तकरीबन सोलह साल बीत गए हैं और वादे के अनुसार प्राधिकरण द्वारा अधिकृत की गई उक्त जमीन का मालिक स्वतः ही किसान हो गया है क्यौंकि सोलह साल बीत जाने के बाद भी प्राधिकरण द्वारा उक्त जमीन के मालिक किसानों को न तो 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा ही दिया गया है और न हीं 7 प्रतिशत आवासीय विकसित भू-खण्ड ही दिया जा रहा है जबकि जानकारी में आया है कि जेवर के किसानों की उक्त जमीन को प्राधिकरण द्वारा किसी बिल्डर को मोटे दामों पर बेच दिया गया है और प्राइवेट ठेकेदारों से उक्त जमीन पर कब्जा कराने की जुगत में है। इसी के मददेनज़र बृहस्पतिवार को यमुना एक्सप्रेसवे के टोल कर्मचारियों द्वारा किसानों की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है जिसकी किसानों को भनक लग गई और मौके पर पहुॅंचकर घेराबन्दी करने के प्रयत्न में लगी ठेकेदार की लेबर को किसानों ने अपनी जमीन से यह कहते हुए जाने पर मजबूर कर दिया कि हमारा मुआवजा व आवासीय विकसित प्लाट देदो और जमीन पर कब्जा कर लो। इस दौरान मौके पर पहुॅंचे किसानों का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत के नगर अध्यक्ष सलीम राव इरशाद उल्लाह सुधीरकान्त जैन अनिल गर्ग अमान उल्लाह श्रीकान्त रामौतार सिंह किशोरी लाल भागमल रोहित मित्तल मा0 राजेन्द्र प्रसाद वाहिद राव हाजी वाजिद राव मुशाहिद राव नेत्रपाल सिंह कैलाश चन्द अमीचन्द आदि सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे। इस मौके पर सभी किसानों का एक राय होकर यह कहना था कि प्राधिकरण द्वारा जमीन को अधिग्रहित किए तकरीबन सोलह साल बीत गए हैं प्राधिकरण पहले किसानों को 64.7 प्रतिशत मुआवजा व 7 प्रतिशत आवासीय प्लाट दे तब जमीन पर कब्जा दिया जायेगा।