कहां सो गए गौ-प्रेमी ? —-यमुना प्राधिकरण द्वारा संचालित गोविंदगढ़ रोड़ स्थित गौशाला में गौधन की हालत हुई बदतर
जेवर। एक ओर गौ-धन की सुरक्षा प्रदान किए जाने हेतु सरकार द्वारा सरकारी जमीनों को घेर कर जगह जगह गौशालाएं यानी गौवंश आश्रय स्थल बनाये गए हैं साथ ही इनके खाने पीने की माकूल व्यवस्था के लिए बकायदा फण्ड भी जारी किए जा रहे हैं। इसके बावजूद भी उक्त गौवंश आश्रय स्थलों में गौवंशों की ठीक प्रकार कोई उचित देखरेख नहीं की जा रही है। वहीं दूसरी ओर जेवर के गोविन्दगढ़ रोड़ के निकट स्थित यमुना प्राधिकरण द्वारा संचालित गौ आश्रय स्थल गौशाला की हालत इतनी दयनीय है कि यहां बेसहारा बेजान मजबूर गौवंश की ठीक प्रकार से देखभाल करने वाला कोई नहीं है आलम यह है कि यहां आए दिन भूखे प्यासे घूमते हुए घायल हो गौंवंश उपचार के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। आज हमें यह सवाल झकजोर कर सोचने पर मजबूर कर रहा है कि यमुना अथॉरिटी द्वारा संचालित की जाने वाली उक्त गऊशाला का निरीक्षण करने के लिए कोई उच्च स्तरीय अधिकारी या सरकार का कोई नुमाइन्दा यहां आता भी है कि नहीं आगर आता है तो उसका ध्यान यहां के बेजुबान पशु की बद से बदतर हो रही दयनीय हालत को सुधारने की ओर क्यौं नहीं जाता है। अनेक गौ प्रेमियों ने इन निहत्थे प्राणियों की देखभाल और उनके बुनियादी अधिकारों का ध्यान रखने की मांग करते हुए कहा है कि ये गऊ माता हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं उक्त गऊशाला में बद से बदतर हो रही उनकी हालत हमें आहत कर रही है जिसमें जल्द सुधार करने की आवश्यकता है।